नई दिल्ली. रेलवे से किसी यात्रा के लिए वेटिंग लिस्ट की टिकट लेने से पहले ही उसके कन्फर्म होने या नहीं होने का पता चल जाएगा। यह सुविधा 'रेल यात्री डॉट इन' वेबसाइट' रेल यात्री इनसाइट्स' पर देगी। देरी से जाने वाली ट्रेनों की जानकारी भी देगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने अपने पैसेंजर्स को बीमा कवर देने की दिशा में पहला कदम आगे बढ़ा दिया है। रेलवे यात्री बीमा के लिए 'न्यू इंडिया इन्श्योरेंस कंपनी' से समझौता किया है। 24 घंटे की यात्रा के लिए 22 रुपए के प्रीमियम पर पांच लाख रुपए का एक्सीडेंट मुआवजा, पांच लाख रुपए ही अस्पताल का खर्च यात्री को दिए जाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। इसके अलावा, 50 हजार रुपए सामान गुम होने के एवज में दिए जाने का भी प्रस्ताव है। IRCTC ने इसे यात्रा बीमा सर्विस नाम दिया है। वैसे, यह जान लेना भी जरूरी है कि बीमा प्रीमियम के लिए पेमेंट टिकट से अलग होगा यानी अतिरिक्त लगेगा।
योजना कब तक हो सकती है शुरू
IRCTC को कैसे होती है कमाई
कैसे होगा बीमा कवर
प्रस्ताव के मुताबिक, यात्रा को चार भागों में बांटा जाएगा। आठ घंटे, आठ से 24 घंटे, 24 से 36 घंटे और 36 घंटे से अधिक। प्रस्ताव के अनुसार, एक रुपए प्रीमियम और आठ घंटे की यात्रा के लिए 2.5 लाख रुपए का बीमा होगा। इसमें 1 लाख रुपए एक्सीडेंट-अस्पताल का खर्च और 50 हजार रुपए लगेज के मिलेंगे। 24 घंटे की यात्रा के लिए 1.25 रुपए का प्रीमियम होगा। 36 घंटे की यात्रा के लिए 1.50 रुपए और 36 घंटे से अधिक की यात्रा के लिए 1.76 रुपए प्रीमियम होगा। ऐसे ही 4.5 लाख रुपए के बीमा कवर (दो लाख एक्सीडेंट का मुआवजा और दो लाख अस्पताल खर्च- 25 हजार रुपए लगेज खोने पर) के लिए प्रीमियम आठ घंटे की यात्रा के लिए 10 रुपए, 24 घंटे की यात्रा के लिए 11 रुपए, 36 घंटे की यात्रा के लिए 12 रुपए और 36 घंटे से ज्यादा की यात्रा के लिए 13 रुपए प्रीमियम होगा। बता दें कि फिलहाल ये सिर्फ प्रस्ताव हैं और इन पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है।
योजना कब तक हो सकती है शुरू
IRCTC के एमडी डॉ. एके. मनोचा के मुताबिक, न्यू इंडिया इन्श्योरेंस कंपनी से समझौता हो चुका है और कुछ ही हफ्तों में इस स्कीम को लॉन्च कर दिया जाएगा। मनोचा के अनुसार, IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुक करने वाले इस प्रस्तावित योजना का लाभ उठा सकेंगे। इन्श्योरेंस की रकम यात्रा की दूरी, समय और श्रेणी पर निर्भर करेगी।
पैसेंजर्स से फीडबैक ले रहा रेलवे
IRCTC अपनी इस योजना को लेकर यात्रियों से फीडबैक ले रहा है। कई ट्रेनों में फॉर्म बांटे गए हैं, जिनमें पैसेंजर्स से इस प्लान के बारे में सुझाव मांगे गए हैं। इस फॉर्म में तीन प्रश्न पूछे गए हैं। पहला- क्या रेल यात्रा में इन्श्योरेंस मिलना चाहिए? दूसरा- क्या मुआवजा रकम सही है? तीसरा- क्या प्रीमियम की राशि ठीक है?
इन्श्योरेंस स्कीम का उद्देश्य क्या है
भारतीय रेल में हर रोज करीब 2 करोड़ 10 लाख लोग यात्रा करते हैं और इसमें से 53 फीसदी अपने टिकट बुक कराते हैं। IRCTC का मानना है कि अगर 10 लाख लोग भी इस स्कीम से जुड़ते हैं तो रेलवे को न्यू इंडिया इन्श्योरेंस से एक तय राशि मिलेगी, जिससे रेलवे की आर्थिक हालत सुधरेगी। इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रेलवे को अपनी जेब से कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा, लेकिन उसके दोनों हाथो में लड्डू होंगे, क्योंकि दुर्घटना होने पर मुआवजा इन्श्योरेंस कंपनी देगी। यानी रेलवे हमेशा फायदे में रहेगी।
इन देशों में पैसेंजर बीमा की क्या स्थिति
- यूरोप में ईयू रेल पास योजना अमल में लाई जाती है। इसमें रेल यात्रियों का बीमा भी होता है। फॉरेन टूरिस्ट के लिए जो टूर पैकेज होते हैं, उनमें कई कंपनियां इन्श्योरेंस फैसिलिटी देती हैं।
- चीन में भी ट्रेन दुर्घटना होने पर यात्रियों के लिए इन्श्योरेंस की सुविधा दी जाती है।
- पाकिस्तान में भी यात्रियों और ट्रेन कर्मचारियों के लिए बीमा योजना है।
- श्रीलंका में ट्रेवल इन्श्योरेंस बाकी सेक्टर्स में तो है, लेकिन रेलवे में फिलहाल यह नहीं है।
- पाकिस्तान में भी यात्रियों और ट्रेन कर्मचारियों के लिए बीमा योजना है।
- श्रीलंका में ट्रेवल इन्श्योरेंस बाकी सेक्टर्स में तो है, लेकिन रेलवे में फिलहाल यह नहीं है।
IRCTC को कैसे होती है कमाई
आईआरसीटीसी हर साल 20,000 करोड़ रुपए की ई-टिकट बेचती है। आईआरसीटीसी को बेचे गए हर टिकट पर कमीशन मिलता है जो इसके रेवेन्यू का 30 फीसदी और लाभ का 60 फीसदी है। अन्य सेगमेंट्स कैटरिंग और टूर पैकेजों से 30 फीसदी रेवेन्यू प्राप्त होता है, जिनका वैल्यूएशन बहुत ही कम होता है। साल 2013-14 में IRCTC ने 950 करोड़ रुपए कुल प्रॉफिट लिया, उसका Gross Profit 127.41 करोड़ रुपए था। 2012-13 में आईआरसीटीसी ने कुल 719.69 करोड़ का मुनाफा कमाया और इसमें से 92.14 करोड़ रुपए उसका Gross Profit था।