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Saturday, 28 October 2017

आरिफ के परिपत्र क्रमांक 26,27,28 क्रमश: दिनांक 13/10/2017, 16/10/2017 तथा 26/10/2017 का एकीकृत हिन्दी सारांश

ALL INDIA RETIRED INSURANCE EMPLOYEES' FEDERATION

                             (Registration No. 500)

212, Jeevan Kendra Layout, Cambridge Road, Halasuru, Bengaluru 560 008 

 

President :                                                         GENERAL SECRETARY          

S S Saxena                                                     G. Krishna Swamy

 

 

संगठन सचिव अरुण कान्त शुक्ला के द्वारा रायपुर से जारी परिपत्र क्रमांक 4/17 दिनांक 27/10//2017

 

समस्त सदस्यों के नाम

प्रिय मित्रों,

         विषय : आरिफ के परिपत्र क्रमांक 26,27,28 क्रमश: दिनांक 13/10/2017, 16/10/2017 तथा 26/10/2017 का एकीकृत हिन्दी सारांश|

1.   आरिफ ने अपने परिपत्र क्रमांक 25 दिनांक 30 अगस्त 2017 में जानकारी दी थी कि सर्वोच्च न्यायालय ने भारत सरकार एव भारतीय जीवन बीमा निगम को न्यायालय में जमा की गईं याचिकाओं का जबाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए, सुनवाई की अगली तिथी 13 अक्टोबर तय की है| आरिफ ने उसी परिपत्र में आरिफ,फेडरेशन ऑफ़ रिटायर्ड क्लास वन आफिसर्स एसोसिएशन ( जी एन एस) तथा एआईआईपीए के द्वारा दायर SLPs के नंबर भी दिए थे| इस मध्य रिटायर्ड क्लास वन आफिसर्स एसोसिएशन (हैदराबाद), के एम एल अस्थाना तथा मदन लाल गांधी एवं अन्य (चंडीगढ़) ने भी अपनी याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में पेश की हैं, जिनका डायरी नंबर क्रमश: 23794/2017CVC, 26729/2017CVC तथा 31206/2017CVC है| जैसा कि अंदेशा था, भातीय जीवन बीमा निगम ने अपना जबाब तीन सप्ताह के समय में जमा नहीं कराया और 13 अक्टोबर को भाजीबीनि के वकील ने न्यायालय से पुन: तीन सप्ताह के समय की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए, न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथी 10 जनवरी 2018 निर्धारित की है|

2.   श्री एम पी अग्निहोत्री, लीगल कमेटी के कनवेनर आरिफ की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट के टी तुलसी से चर्चा करने तथा सर्वोच्च न्यायालय में 13 अक्टोबर की पेशी में उपस्थित होने के लिए दिल्ली गए थे| जहां श्री डीडी गुप्ता, श्री बीएस वर्मा ने उन्हें सहयोग दिया था| श्री अग्निहोत्री द्वारा प्रेषित रिपोर्ट का सार निम्नानुसार है,

·         श्री अग्निहोत्री जी ने दिनांक 11/10/2017 को वरिष्ठ वकील केटी तुलसी के एसोसिएट्स से आरिफ के एडवोकेट श्री आर के सिंह के साथ मुलाक़ात की एवं केस के संबंध में विस्तृत चर्चा की| चर्चा में निम्न बिदु प्रमुख रूप से उभर कर आये|

·         चूंकि, निगम ने जबाब पेश नहीं किया है, SLP पर कोई भी चर्चा प्रारंभ होने की कोई सूरत नहीं है|

·         दिल्ली उच्च न्यायालय ने चूंकि, अपने निर्णय में भाजीबीनि की पेंशन योजना को गलत तथ्यों के आधार पर CCS पेंशन स्कीम तथा EPM ACT 1952 से अलग बताया है, तय किया गया कि एक विस्तृत तुलनात्मक अध्यन सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा|

·         चूंकि भाजीबीनि ने अपना जबाब पेश नहीं किया है, ज्यादा लंबा वक्त देने का विरोध करने के साथ अनुरोध किया जाएगा कि 1997 के पूर्व सेवानिवृत साथियों तथा उसके बाद सेवानिवृत हुए साथियों को सार्थक अंतरिम राहत प्रदान की जाए| यह भी निर्णित हुआ कि सार्थक अंतरिम राहत के लिए एक अंतरिम याचिका भी दाखिल की जायेगी|

·         दिनांक 12 अक्टोबर को, निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सर्व/श्री अग्निहोत्री, डीडी गुप्ता तथा बीएस वर्मा ने आरिफ के एडवोकेट आर के सिंह के साथ सांयकाल वरिष्ठ एडवोकेट केटी तुलसी से मुलाक़ात किये| श्री तुलसी ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले के रिकार्ड्स का अच्छी तरह अध्यन किया है और वे सहमत हैं कि जीवन बीमा निगम के पेंशनर्स के साथ गंभीर रूप से अन्याय हुआ है| उन्होंने कहा कि जीवन बीमा निगम के द्वारा जबाब न्यायालय में पेश किये जाने के बाद वे आरिफ के साथ पुन: बैठक कर मामले पर चर्चा करना चाहेंगे| श्री तुलसी ने उनके सहयोगियों को भी 13 अक्टोबर की सुनवाई के लिए कुछ निर्देश दिए तथा श्री अग्निहोत्री एवं टीम को आश्वस्त किया कि यदि बहस प्रारंभ होती है, जिसकी कोई संभावना नहीं है तो वे तुरंत बहस में शामिल हो जायेंगे|

·         13 अक्टोबर को प्रात: करीब 11:30 बजे न्यायालय में सुनवाई प्रारभ हुई| भाजीबीनि के एडवोकेट ने न्यायालय से तीन सप्ताह का समय जबाब देने के लिए और माँगा| क्लास वन के एडवोकेट श्री हंसारिया ने न्यायालय से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा नियमित अंतरिम राहत दिए जाने का आदेश था जबकि भाजीबीनि ने केवल एक बार 40% अंतरिम राहत का भुगतान किया है, इसलिए अंतरिम राहत का भुगतान तुरंत किये जाने की जरुरत है| आरिफ के एडवोकेट श्री आर के सिंह ने जीबीनि के द्वारा लम्बा समय मांगे जाने का विरोध किया तथा न्यायालय से अनुरोध किया तथा जल्दी ही मुख्य कार्रवाई प्रारंभ करने की मांग की ताकि आवेदक अपना जबाब पेश कर सकें और मामले में दैन्दिनी आधार पर सुनवाई शुरु हो सके| बेंच ने सभी पक्षों की बात सुनते हुए भाजीबीनि को पुन: तीन सप्ताह का समय दिया तथा अगली सुनवाई 10 जनवरी 2018 को करने का निर्णय सुनाया|

·         आरिफ की तरफ से अंतरिम राहत के लिए शीघ्र आवेदन लगाया जाएगा|

3.   सांगठनिक दौरे : आरिफ के पदाधिकारियों ने जबलपुर, रायचूर, कोल्हापुर, मैसूर, बेंगलुरु, भोपाल, इन्दोर, उडुपी, कोजीकोड, राजकोट, त्रिवेंड्रम, बरेली, चंडीगढ़, विशाखापटनम इत्यादी जगहों के दौरे किये| अन्य अनेक जगह पर वार्षिक सभाओं का आयोजन हुआ, जहां पदाधिकारी नहीं जा पाए| सभी जगह सदस्यों की भारी भागीदारी हुई तथा अनेक जगह डिवीजनल पदाधिकारियों का भी चुनाव हुआ| अनेक मंडलीय इकाईयों ने आरिफ के परिपत्र क्रमांक 25 के अनुसार कोर कमेटी का गठन भी किया|

4.   परिपत्रों पर प्रतिक्रिया तथा माँगी गईं आवश्यक जानकारियाँ : सभी मंडलीय एवं शाखा इकाईयों से अनुरोध है कि वे आरिफ के परिपत्रों पर अपनी प्रतिक्रिया मुख्यालय को भेजें ताकि परिस्थितियों का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके| आरिफ ने पिछले परिपत्रों में निम्न जानकारियाँ डिवीजनल इकाईयों से मांगीं थीं| अब पुन: अनुरोध किया जा रहा है कि जिन्होंने ये जानकारियाँ प्रेषित नहीं की हैं, वे 31 अक्टोबर तक अवश्य भिजवा दें| प्रारूप निम्नानुसार है,

पेंशनर्स की संख्या

नियमित

फेमिली

कुल

वे जिनके पास ई-मेल हैं

 

 

 

मेडिक्लेम जिनके पास है

 

 

 

वे जिन्होंने नामिनेशन किया है

 

 

 

 

5.   सामान्य : आरिफ को कुछ सदस्य मेल के द्वारा कहते हैं कि आरिफ के परिपत्र अधिकाँशत: लीगल फंड पर ही केन्द्रित रहते हैं| आरिफ का इस विषय में कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि हम पिछले लम्बे समय से अपने परिपत्रों में लीगल फंड देने की बात को दोहराते रहे हैं| हमारे सदस्य इस तथ्य से वाकिफ हैं कि इस समय हमारे समक्ष प्रमुख कार्य सर्वोच्च न्यायालय में कठोर और कठिन विधिक लड़ाई लड़ना है और इसमें जैसा आप जानते हैं कि काफी मात्रा में धनराशी की आवश्यकता है और इसकी पूर्ति संगठन के सदस्यों से ही संभव है| इसीलिये आरिफ को बार बार लीगल फंड में डोनेशन के लिए कहना पड़ता है| कितु, यह कहना कि केवल लीगल फंड पर ही परिपत्र केन्द्रित होते हैं, अतिश्योक्ति है| यदि आप पुराने सभी परिपत्र का पुनरावलोकन करेंगे तो पायेंगे कि उनमें अनेक अन्य मुद्दों की जानकारी दी गयी है| सांगठनिक विषय, मेडिक्लेम के बारे में जानकारी, भाजीबीनि द्वारा जारी किसी नई सूचना की जानकारी, केन्द्रीय कार्यालय को लिखे गए पत्रों की जानकारी, आरिफ के अध्यक्ष के द्वारा की गईं अपीलें, उपाध्यक्ष श्री किशोर जी द्वारा उपलब्ध कराई गईं जानकारियां, जैसे अन्य अनेक विषय उनमें समाहित रहते हैं| हमें पूर्ण विश्वास है कि सदस्यों का यह केवल भ्रम है कि आरिफ के परिपत्र केवल लीगल फंड पर केन्द्रित रहते हैं| हाँ, यह आज की सबसे बड़ी और प्राथमिक जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक दानराशी लीगल फंड में दें और डिवीजनल तथा शाखा इकाईयां इस दिशा में पुरजोर प्रयत्न करें, इसे आरिफ इस परिपत्र के माध्यम से पुन: दोहराता है|

6.   मेडिक्लेम स्कीम : भाजीबीनि ने मेडिक्लेम स्कीम में दो और स्लेब 40 लाख तथा 50 लाख को जोड़ा है, जो सदस्य अपने बीमा राशी को बढना चाहें, वे दिनांक 30/11/2017 के पूर्व ऐसा कर सकते हैं| इसके लिए उन्हें डीवीजल कार्यालय के OS विभाग में संपर्क करना होगा| सब्सीडी केवल बेसिक सम अश्योर्ड पर ही मिलेगी| एक बार आप्शन देने पर वह वापस नहीं किया जा सकेगा|यह परिवर्तन यदि माँगा गया तो अप्रैल 18 से लागू होगा और फरवरी माह से प्रीमियम कटेगा|

7.   साउथ जोन तथा साउथ सेंट्रल जोन का सम्मलेन मैसूर में होटल गोवर्धन में संपन्न हुआ| श्री एस श्रीधरन, रिटायर्ड प्रिंसिपल, एसटीसी, सम्मलेन के मुख्य अतिथी थे| सम्मलेन में आंध्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरला, कर्नाटक से 45 प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी किये| उद्घाटन सत्र 3 अक्टोबर को प्रात: 11:30 बजे प्रारंभ हुआ| संगठन के सचिव तथा अध्यक्ष सम्मलेन में उपस्थित थे| सम्मलेन दो दिवसीय था|

8.    लेखा जोखा : आरिफ को इस मध्य अनेक इकाईयों से राशियाँ प्राप्त हुई हैं| कुछ इकाईयों ने उनका समायोजन किस खाते में करना है मसलन लीगल फंड में अथवा संबद्धता शुल्क में बताया नहीं है| हम नीचे क्रमश: ऐसी राशियों के प्राप्ति की तिथी/ आरिफ का प्राप्ति नंबर/कुल राशी का उल्लेख कर रहे हैं| संबंधित इकाईयां आरिफ को विवरण तुरंत भेजें ताकि रसीद जारी की जा सके| 6/4/2017/10093/2600, 10/7/2017/10144/4200, 14/7/2017/10147/1175, 19/4/2017/10104/3000, 19/4/2017/10105/1000, 20/4/2017/10106/5000, 26/5/2017/10126/3000, 13/9/2017/10181/15000, 14/9/2017/10187/10,000, 27/9/2017/2500,

9.    कोर कमेटी का गठन : जिन इकाईयों में कोर कमेटी का गठन नहीं हुआ है, वे तुरंत इसे कर लें|

10.       मेल तथा पोस्टल एड्रेस : आरिफ लम्बे समय से अनुरोध करता रहा है कि सभी मंडलीय इकाईयां अपने पदाधिकारियों के मेल तथा पोस्टल एड्रेस शहर के पिन के साथ आरिफ को  प्रेषित करें ताकि आरिफ से उन्हें रजिस्ट्री या स्पीड पोस्ट से डाक भेजी जा सके | कृपया इसे प्राथमिकता देते हुए करें|

 

शुभकामनाओं के साथ

आपका साथी

जी कृष्णास्वामी                                               रायपुर

जनरल सेक्रेटरी                                             27/10/2017

(आल इंडिया रिटायर्ड इंश्योरेंस एम्पलाईज फेडरेशन)

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