बहुत पुरानी कहावत है कि शीशे के घर में रहने वाले दूसरो के घरो पर पत्थर नहीं मारा करते है.... यह जानते हुए भ्रष्टाचार में सरोबार लोगों को दूसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगाने चाहिये.... इसके बावजूद जब राहुल ने मोदी पर आरोप लगाने शुरू किये तो लग गया था किसी दिन यह उसे बहुत महंगा पड़ जायगा। हुआ भी वही... श्रीकृष्ण जिस तरह शिशुपाल के 100 पापों की प्रतीक्षा करते रहे उसी तरह मोदी ने भी अपना सुदर्शन चक्र चलाने के पहले बहुत धैर्य रखा। लेकिन जब राहुल गांधी ने बिना किसी सबूतो के चौकीदार चोर है कहना जारी रखा तब मोदीजी ने राजीव गांधी के भ्रष्टाचारो का सार्वजनिक रूप से जिक्र कर पलटवार कर ही दिया।
अब कांग्रेसी कह रहे है कि मृत व्यक्ति की आलोचना उचित नहीं। जब ऐसी नसीहत देने वाले खुद वीर सावरकर, नरसिंह राव, वाजपेयी, मनोहर पर्रिकर जैसे मृत व्यक्तियों की आलोचना कर रहे थे तब क्या हुआ था...? कांग्रेसी यह भी कह रहे है कि मोदी जी को राहुल के पिता तक नहीं जाना चाहिये था... हा... हा... भूल गये.... कांग्रेस नेता विलास मुत्तमवार ने कहा था- मोदी के पिता को कौन जानता है, जबकि राहुल के पिता को हर कोई जानता है.... राज बब्बर ने तो रूपये की बढ़ती कीमत को मोदी का मां की उम्र के साथ जोड़ दिया था.... अब करो सामना...।
वैसे मोदी का पलटवार बहुत देर से हुआ.... कांग्रेस ने ललित मोदी को लेकर मोदी सरकार पर जब पहला वार किया था तभी सुषमा स्वराज ने जवाब दे दिया था कि जाकर अपनी मम्मी से पूछो.... उसके बाद सब चुप हो गये।
बहरहाल, चौकीदार चोर है से शुरू हुई चुनावी यात्रा अब तेरा बाप चोर है पर खत्म हुई।नई पीढी को जरूर यह अजीब लगता होगा वरना 1989 के चुनावों में तो विपक्षी दलों, खास करके माकपा का तो नारा ही राजीव गांधी चोर है, था...1988 में आकाशवाणी पर एक कार्यक्रम के दौरान एक छोटी लड़की अचानक बोल पड़ी कि गली गली में शोर है राजीव गांधी चोर है तो सारे स्टाफ को बर्खास्त कर दिया था। अमरीकी गुप्तचर एजेन्सी सी.आई.ए. भी राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी बता चुकी है.... सी.आई.ए. के अनुसार स्वीडन की सरकार ने राजीव गांधी तथा अपने कुछ आदमियों को बचाने बोफोर्स की जांच बन्द कर दी थीभू.पू. प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह जब रक्षा मंत्री पद छोड़ कर विपक्ष में आ गये तब रैलियों में भीड़ को पूछते थे कि बोफोर्स का दलाल कौन, तो जनता जवाब देती थी- राजीव गांधी, राजीव गांधी
रोचक बात यह है कि मोदी जी के तमाचे के बाद अब अनिल अम्बानी ने भी अपने हाथ सेके... पप्पू से पूछा कि वह अगर सरकार का पिठ्ठू उद्योगपति है तो तुम्हारी सरकार ने अम्बानी ग्रुप को एक लाख करोड़ के ठेके क्यूं दिये...?
No comments:
Post a Comment