नई दिल्ली. 'हैपी न्यू ईयर'...
2015 की शुरुआत आज से हो गई है। नए साल पर हर कोई नया करने की तलाश में
रहता है। ऐसे में अपनी सरकार भी कुछ नया करके सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित
करने जा रही है। पहले दिन ही उन्होंने 20 साल पुराने एक रुपए के नोट को
छापने की शुरुआत करने का मन बनाया है। इसी शुरुआत के लिए हम भी एक सीरीज के
जरिए आपको भारतीय सिक्कों और नोटों से जुड़ी काम की जानकारी दे रहे हैं।
पिछले दिनों इसी सीरीज के तहत 100, 500 और 1000 जैसे सभी नोटों से
जुड़ी अहम बातें बताई थी। आज इसी सीरीज के तहत आपको 1, 2, 5 और 10 रुपए के
सिक्कों की असलियत बयां करने वाली जानकारी दे रहे हैं।
हर सिक्का कुछ कहता है...
1, 2, 5 और 10 रुपए के सिक्कों से हमारा वास्ता रोज ही पड़ता है।
लेकिन, इस सिक्के पर लिखी हर बात और बने हर चिन्ह का एक मतलब होता है,
जिससे आधा से ज्यादा देश अंजान है।
इन सिक्कों को लेकर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि इनमें बने
खास चिन्ह क्या असलियत बताते हैं। अगर नहीं तो जनाब. सिक्कों पर बने विशेष
चिन्ह ये दर्शाते हैं कि आखिर वह आया कहां से है।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन से चिन्ह की हम बात कर रहे हैं जो इतना
कुछ बता देता है और आपको इसके बारे में कुछ पता ही नहीं। तो अब आप अपने
सिक्के पर गौर कीजिए और हम बताते हैं कि सिक्के कैसे बयां करता है कि वह
कहां से आएं हैं।
आगे की स्लाइड में क्लिक कीजिए और तस्वीरों के माध्यम से जाने उस खास चिन्ह के बारे में और उसका मतलब...
नोटः तस्वीरों का प्रयोग प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
भारत में हैं चार मिंट
आपको बता दें कि भारत में चार मिंट (टकसाल) हैं जिनके पास सिक्के बनाने का अधिकार है। ये हैं मुंबई मिंट, कलकत्ता मिंट, हैदराबाद
मिंट और नोएडा मिंट। यहीं से निकलकर सिक्के मार्केट में आ जाते हैं। देश
के सबसे पुराने मिंट में कलकत्ता और मुंबई मिंट हैं। दोनों को साल 1859 में
अंग्रेजी हुकूमत ने स्थापित किया था।
क्या होती है टकसाल(मिंट)
टकसाल (Mint) उस कारखाने को कहते हैं जहाँ देश की सरकार द्वारा, या उसके दिए अधिकार से, मुद्राओं का निर्माण होता है।
आगे पढ़ें... चारों टकसाल की
हैदराबाद मिंट
हैदराबाद मिंट साल 1903 में हैदराबादी निजाम की सरकार ने स्थापित किया
था। साल 1950 में भारत सरकार ने इसे अपने अधिकार में ले लिया था।
नोएडा मिंट
नोएडा मिंट को 1986 में स्थापित किया था और 1988 से यहां से स्टेनलेस स्टील के सिक्कों का निर्माण शुरू हुआ था।
मुंबई मिंट
मुंबई मिंट भी भारत की सबसे पुरानी मिंट में से एक है। इसका निर्माण
अंग्रेजों ने किया था। उस वक्त भी मुंबई अंग्रेजों के आर्थिक पहलुओं के
लिहाज से अच्छा क्षेत्र था।
कलकत्ता मिंट
कलकत्ता मिंट की शुरुआत अंग्रेजी हुकूमत के दौरान हुई थी। साल 1859
में पहली बार इस टकसाल में सिक्के का निर्माण किया गया था। हालांकि, उस समय
का बना सिक्का अंग्रेजी हुकूमत अपने साथ ही ले गई थी।
मुंबई मिंट
यहां के बने सिक्कों पर डायमंड शेप का डॉट बना होता है। यह ठीक सिक्के पर अंकित निर्माण वर्ष के नीचे होता है।
'B' मार्क
सिक्के में लिखी डेट के नीचे बना 'B' मार्क भी मुंबई मिंट का ही होता है। (देखें तस्वीर में)
'M' मार्क
1996 के बाद से छप्पे कई सिक्को में 'M' का निशान बन कर आने लगा। ये
सिक्का भी मुंबई मिंट का ही होता है। तस्वीरों में देखें सिक्के में लिखी
तारीख के नीचे 'M' लिखा हुआ है।
स्टार मार्क और डायमंड शेप
हैदराबाद मिंट के सिक्कों पर तारीख के नीचे स्टार का मार्क बना होता है। किसी-किसी में डॉट डायमंड शेप मार्क भी होता है।
सिक्के में लिखी डेट के नीचे डायमंड और उसके बीच में डॉट का मार्क भी हैदराबाद मिंट का ही होता है। (देखें तस्वीर में)
टूटे डायमंड का चिन्ह
तस्वीर में देखें, सिक्के में छपी तारीख के नीचे एक डायमंड टूटा नजर आ रहा है। ये चिन्ह भी हैदराबाद
मिंट का चिन्ह है। हैदराबाद मिंट की शुरुआत में स्टार मार्क का इस्तेमाल
किया गया। बाद में इसे बदलकर डायमंड शेप में लाया गया और उनमें से कुछ
सिक्के में टूटा डायमंड भी शामिल है।