नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन
बीमा निगम (एलआईसी) की बाजार हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष के दौरान घटकर
70 फीसदी रह गई है। अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान न्यू बिजनेस प्रीमियम
संग्रह में 21 फीसदी की कमी आई है, जिसकी वजह से इसकी बाजार हिस्सेदारी
घटी है।
वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तीन तिमाहियों में में एलआईसी का नया
प्रीमियम संग्रह 51,667.07 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में 65,774.47 करोड़ रुपए था। इसके परिणामस्वरूप, एलआईसी की
बाजार हिस्सेदारी भी घटकर 70 फीसदी रह गई है, जो कि वित्त वर्ष 2013-14
में 75 फीसदी थी।
दिसंबर के दौरान एलआईसी ने 19.14 लाख पॉलिसी बेचकर नए बिजनेस के तौर
पर 5,858.55 करोड़ रुपए का प्रीमियम संग्रह किया है। पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में एलआईसी ने नए बिजसेन प्रीमियम के तौर पर 90,123.75 करोड़
रुपए का संग्रह किया था।
एलआईसी के विपरीत निजी क्षेत्र की 23 जीवन बीमा कंपनियों ने नए
प्रीमियम कलेक्शन में 16.6 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। निजी कंपनियों ने
22,110.31 करोड़ रुपए का नया प्रीमियम संग्रहित किया है, जबकि पिछले वित्त
वर्ष के पहले नौ माह में इन कंपनियों ने 18,951.27 करोड़ रुपए का प्रीमियम
संग्रह किया था।
बजाज अलिआंज के नए बिजनेस में 11.2 फीसदी की गिरावट आई है।
अप्रैल-दिसंबर 2015 के दौरान कंपनी ने फर्स्ट प्रीमियम के तौर पर 1575.28
करोड़ रुपए का प्रीमियम संग्रह किया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में
कंपनी ने 1775.98 करोड़ रुपए का प्रीमियम संग्रह किया था। निजी क्षेत्र के
प्रमुख खिलाड़ी जैसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी स्टैंडर्ड, एसबीआई
लाइफ, मैक्स लाइफ, रिलायंस लाइफ और पीएनबी मेटलाइफ ने पहले नौ माह के
दौरान रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने फर्स्ट
प्रीमियम के तौर पर 3586.12 करोड़ रुपए का संग्रह किया है, जो कि पिछले साल
2559.13 करोड़ रुपए था। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने 3362.11 करोड़ रुपए का
संग्रह किया, जो कि पिछले साल 3033.87 करोड़ रुपए था।