नई
दिल्ली| सातवें वेतनआयोग की सिफारिशों से सेनाएं भी संतुष्ट नहीं हैं।
रक्षा मंत्रालय को इस संबंध में तीनों सेनाओं की चिंताओं से अवगत कराया गया
है। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आरके धोवन ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में
बताया, ‘वेतन आयोग की रिपोर्ट में कुछ खामियां महसूस की गई हैं। इनके बारे
में मंत्रालय का ध्यान दिलाया गया है। हमें जो महसूस हुआ, वह हमारे जवानों
के लिए बेहद अहम है। मंत्रालय की ओर से हमें भरोसा दिया गया है कि इन सभी
चिंताओं पर गौर किया जाएगा।’ सेना के अधिकारियों मुताबिक, सातवें वेतन आयोग
की सिफारिशें मौजूदा स्वरूप में लागू हुईं तो उनकी स्थिति उनके सिविलियन
सहयोगियों से भी नीचे हो जाएगी।
खासकर
वेतन और सुविधाओं के मामले में। अभी की व्यवस्था के अनुसार, सियाचिन जैसे
दुर्गम स्थानों में तैनात सेना के अफसरों/जवानों को 31,500 रुपए अतिरिक्त
(हार्डशिप अलाउंस) मिलते हैं। जबकि अगर कोई आईएएस कठिन परिस्थितियों वाले
इलाके में तैनात किया जाए तो उसे उसके वेतन का 30 फीसदी हार्डशिप अलाउंस
मिलता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों लागू होने पर आईएएस का यह अलाउंस
काफी बढ़ जाएगा।
Source: Dainik Bhaskar