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वह अटल अजातशत्रु वह राजनीति का वैभव जा रहा है
*हवाओं रास्ता दो*
*मेरा भारत रत्न मेरा जननायक*
*जा रहा है..*
वो जब बोलता था तब लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते थे
साथ उसके वाणी का सम्मोहक जा रहा है
पोखरण में जिसकी धमक को दुनिया ने देखा
वो जिसने खींची राष्ट्र में स्वर्णिम
चतुर्भुज की रेखा
*हवाओं रास्ता दो*
*मेरा राष्ट्र रत्न मेरा देश नायक*
*जा रहा है..*
राजनीति की काली कोठरी में जो सदा बेदाग रहा
सत्य को सदा सत्य कहने वाला अपने विचारों पर अटल रहने वाला
कवि ह्रदय विचारक जा रहा है
*हवाओं रास्ता दो*
*मेरा राष्ट्र भक्त मेरा राष्ट्र नायक*
*जा रहा है..*
कृतज्ञ राष्ट्र-कृतज्ञ राजनीति,
कृतज्ञ जनमानस निःशब्द खड़े
देखते हैं
हम इंसानों के बीच से वह
देवतुल्य महामानव जा रहा है
*हवाओं रास्ता दो*
*मेरा विश्व रत्न मेरा गणनायक*
*जा रहा है..*
*अलविदा युगपुरष *
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