पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
टूटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।
अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।
दुनिया में सब चीज
मिल जाती है,....
केवल अपनी गलती
नहीं मिलती.....
भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो,
अचानक दोस्त
कम हो गए...
" जितनी भीड़ ,
बढ़ रही
ज़माने में..।
लोग उतनें ही,
अकेले होते
जा रहे हैं...।।।
इस दुनिया के
लोग भी कितने
अजीब है ना ;
सारे खिलौने
छोड़ कर
जज़बातों से
खेलते हैं...
किनारे पर तैरने वाली
लाश को देखकर
ये समझ आया...
बोझ शरीर का नही
साँसों का था....
दोस्तो के साथ
जीने का इक मौका
दे दे ऐ खुदा...
तेरे साथ तो
हम मरने के बाद
भी रह लेंगे....
“तारीख हज़ार
साल में बस इतनी
सी बदली है…
तब दौर
पत्थर का था
अब लोग
पत्थर के हैं..."
हम वक्त और
हालात के
साथ 'शौक'
बदलते हैं,,
दोस्त नही ...
!!
12:57
एक नए शादी शुदा जोड़े ने पेपर में इश्तिहार दिया
"लड़का पैदा करने का तरीका बताओ "
बंगाल से ख़त आया :: बीबी को मछली दो
केरला से ख़त आया :: इडली दो
हिमाचल से ख़त आया :: सेब दो
गुजरात से ख़त आया :: ढोकला दो
.
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पंजाब से ख़त आया :: सानु सेवा दा मौका दो !!!!!
12:57
एक बार बस में एक बूढी महिला संतरा छिल रही थी और संतरे के छिलके बस में ही फैंक रही थी।
उसे देखते ही बस कंडक्टर बोला...बेबे संतरे के छिलके बस में मत फेंको...बस गंदी हो रही है...छिलके बाहर फेंको.....
उसकी आवाज सुनते ही महिला बोली, बाहर मोदी नही फेंकने देता और अंदर तू....
संतरा खाउन या फेंक दूँ।
12:57