पूरी होंगी सारी
मनोकामनाएं
ब्यूरो/अमर उजाला,
शिमला
Updated Wed, 24 Aug 2016 11:27 AM
IST
इस बार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का पावन त्योहार 52 साल बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है,
जब माह, तिथि वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी बनी हुई है जैसी भगवान कृष्ण के जन्म के समय थी। पहले ऐसा योग वर्ष 1958 में बना था।
मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म
भाद्र्रपद अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र में हुआ
था। इस योग को बहुत शुभ माना जा रहा
है। बताया जा रहा
है कि इस योग में भगवान की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल मिलेगा और सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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कृष्ण जन्माष्टमी 24 अगस्त बुधवार को रात 10 बजे से लेकर 17 मिनट पर शुरू होगी जो वीरवार शाम 8 बजकर आठ मिनट तक रहेगी। ऐसे में लोग इस शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना कर सकते हैं।
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